Maharani jaiwanta bai biography for kids
Maharani Jaivanta Bai Biography - भरत क महन इतहस वरगनओ क अतलनय सहस क कहनय स भर पड़ ह आज हम आपक ऐस ह भरतय इतहस क महन वरगन महरन जयवत बई क बर म बतन वल ह
महरन जयवत बई क जवन
महरन जयवत बई मवड़ क महरण उदय सह दवतय क पतन और इतहस क सबस महन यदध महरण परतप क म थ वह एक बहदर, यदध कशल म नपण, आदरशवद रजपत रन थ
जयवत बई पल (रजसथन क एक सयसत) क रज अखरज सह सगर क बट थ व बचपन स ह बहद बहदर और जबज थ उनह शद स पहल जवत कवर क नम स जन जत थ शद क बद उनक नम बदलकर जयवत बई ह गय
महरण उदय सह क सथ ववह
जयवत बई उदय सह क पहल पतन थ महरण उदय सह क सथ उनक शद बहद नटकय ढग और वशष परसथतय म हई थ
पतर महरण परतप क जनम
9 मई, ई.
परतप क जनम क समय ह महरण उदय सह न खए हए चततड़ क जत इस वजय यतर म जयवत बई भ उदयसह क सथ थ
चततड़ वजय क बद उदय सह न मलपर क सलक और जसलमर क भट रजघरन म शदय क
रन धरबई भटयन न उदयसह क महसकत कर लय और दरबरय न जयवत बई क खलफ षडयतर शर कर दए
जयवत बई बलक परतप क लकर चततड़ दरग स नच बन हवल म रहन लग यह स शर हआ परतप सह क भरतय इतहस क सबस महन यदध महरण परतप सह बनन क बजरपण जयवत बई न परतप क पलन पषण कछ इस तरह कय क व इतहस क सबस महन यदध और आदरशवद शसक बन
महरण परतप न एक कशल रजय परशसन क सथपन क थ उनक रजवयवसथ लककलयणकर थ मवड़ क रजवयवसथ क बर म कह जत ह क जब महरण परतप क शसन थ त मवड़ म एक भ चर नह हई थ
धरम और नयय उनहन अपन म स सख थ य उनक म क दए हए आदरश और सदधत थ क उनहन मग़ल क समन कभ सर नह झकय और अत समय तक सघरष करत रह महरण परतप म ज परकरम थ व उनक म क परवरश क ह नतज थ क उनक परकरम क समन एक मजबत समरजय टक नह पय
कछ कवदनतय क अनसर उदयसह क कल 22 पतनय, 53 पतर और 22 पतरय थ उदय सह क दसर पतन क नम सजज बई सलक थ जनहन शकत सह और वकरम सह क जनम दय थ इनक एक पतन रन वरबई झल थ जनहन जठ सह क जनम दय थ
रन धरबई जस रजय क इतहस म रन भटयण क नम स जन जत ह, उदय सह क सबस पसदद पतन थ धरबई भटयन न जगमल सह ,चदकवर और मनकवर क जनम दय रन धरबई भटयन अपन पतर कवर जगमल क मवड क उततरधकर बनन चहत थ
उदयसह न अपन मतय क समय भटयन रन क परत आसकत क चलत अपन छट पतर जगमल क गदद सप द जबक, परतप जयषठ पतर हन क करण सवभवक उततरधकर थ उदयसह क फसल क उस समय सरदर और जगरदर न भ वरध कय
म महरण उदय सह क मतय क बद जगमल अपन पत क इचछ क अनसर मवड़ क गदद पर बठ गए जगमल क गदद मलन पर जनत म वरध और नरश उतपनन हई
मवड क परज महरण परतप स लगव रखत थ इसक चलत रजपत सरदर न मलकर वकरम सवत फलगन शकल 15 अरथत 1 मरच क महरण परतप क मवड क गदद पर बठय इस घटन स जगमल उनक शतर बन गय और अकबर स ज मल
हलदघट यदध क बद महरण परतप न अपन मत जयवत बई क शकत सह क सथ मइनसर क दरग म भज दय जस शकत सह न अपन छट-स सन क सथ मलकर मगल पर आकरमण करक जत थ महरण परतप अपन मत क कषट नह दख सकत थ और वह नह चहत थ क उनक मत क जगल म भटकन क परशन ह
जयवत बई एक कषण भकत थ ज हर समय भगवन क पज-पठ करत थ इनहन अपन आखर जवन वदवन म बतय
महरन जयवत बई क जवन आज भ हमर लए पररण-सरत ह इतहस म उनक नम सवरणम अकषर स अकत ह महरण परतप क कशल यदध और शसक हन म इनहन महतवपरण भमक नभई
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